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Sidhi News: सांसद ने सोन घड़ियाल अभयारण्य के जोगदहा घाट का किया भ्रमण

Rama Posted on: 2025-06-12 14:41:00 Viewer: 73 Comments: 0 Country: India City: Sidhi

Sidhi News: सांसद ने सोन घड़ियाल अभयारण्य के जोगदहा घाट का किया भ्रमण Sidhi News: MP visited Jogadha Ghat of Son Gharial Sanctuary

घड़ियाल संरक्षण के लिये संजय टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त की

Sidhi News: सीधी सांसद डॉ राजेश मिश्रा द्वारा बुधवार को सोन घड़ियाल अभयारण्य के जोगदहा घाट का भ्रमण किया गया। घाट में अठखेलियॉ कर रहे घड़ियाल के नवजात बच्चों को देखकर सांसद द्वारा अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की गई। बच्चों के अतिरिक्त सात मादा एवं एक नर घड़ियाल तथा दो मगर भी दिखे। क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिजर्व सीधी अमित कुमार दुबे ने घड़ियाल संरक्षण की चुनौतियों तथा प्रबंधन द्वारा घड़ियाल संरक्षण हेतु किये जा रहे प्रयासो से सांसद को अवगत कराया। सांसद द्वारा घड़ियाल संरक्षण के लिये संजय टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की गई एवं भविष्य में घड़ियाल संरक्षण के लिये पूर्ण सहयोग हेतु आश्वस्त किया गया।

भ्रमण के दौरान डॉ कैलास तिवारी भी उपस्थित रहे। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2015 में अंतिम दो नर घड़ियालों की मृत्यु के पश्चात अभयारण्य नर घड़ियाल विहीन हो गया था। अभयारण्य में नर घड़ियाल नहीं होने से प्रजनन अवरूद्ध हो गया था। वर्ष 2022 में एक नर घड़ियाल राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य से लाया गया था। वर्ष 2023 में उक्त नर घड़ियाल मानसूनी बाढ़ में बह कर बिहार राज्य पहुंच गया था। प्रबंधन के अथक प्रयासों के बावजूद उसे वापस नहीं लाया जा सका था। दिनांक 14 जनवरी 2025 को 01 नर घड़ियाल चम्बल अभयारण्य से पुनः लाया गया जिसे सिहावल विधायक विश्वामित्र पाठक की उपस्थिति में सोन नदी के जोगदहा घाट में छोड़ा गया था। मादाओं द्वारा माह मार्च 2025 में अण्डे दिये गये थे। इसी कड़ी में दिनांक 21 मई 2025 से 25 मई 2025 के बीच घड़ियालों द्वारा दिये गये अण्डों से 132 बच्चे निकले हैं। प्राकृतिक वातावरण में सामान्यतः दो से तीन प्रतिशत बच्चे ही बच पाते हैं। सांसद द्वारा अधिक बच्चे बचाने की दिशा में आवश्यक उपाय करने हेतु कहा गया।

अत्यधिक जैविक दबाव एवं अभयारण्य पर मंडरा रहे अस्तित्व के संकट के बीच स्थानीय जन प्रतिनिधियों के सहयोग, अभयारण्य में कार्यरत अधिकारियों की इच्छा शक्ति, कर्मचारियों के अथक प्रयासों तथा नदी के तटों पर निवासरत समुदायों के सहयोग एवं सहभागिता से वर्तमान में अभयारण्य घड़ियाल, स्कीमर सहित अन्य दुर्लभ जलीय जीव जन्तुओं के लिये प्रजनन के महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में विकसित हो रहा है।

सोन घड़ियाल अभयारण्य सीधी का गठन घड़ियाल एवं अन्य जलीय जीवों के संरक्षण के उद्देश्य से मध्य प्रदेश शासन के नोटीफिकेशन क्रमांक 14-47-80- ग-(2) भोपाल दिनंाक 23.09.1981 द्वारा सोन, गोपद एवं बनास नदियों में 209.21 किलोमीटर लम्बाई में किया गया है। अभयारण्य की चौड़ाई नदियों के दोनो ओर 200 मीटर तक है। अभयारण्य में वर्ष 2025 में की गई जलीय जीव जन्तुओं एवं पक्षियों की गणना में घड़ियाल-38 मगरमच्छ-74, स्कीमर-41, 49 प्रकार के कुल 4015 पक्षी, तथा कछुये, मछलियों की अनेक प्रजातियॉ, जलीय सर्प एवं अन्य जलीय जीव पाये गये। मध्य प्रदेश में चंबल अभयारण्य के अतिरिक्त सोन घड़ियाल अभयारण्य दूसरा ऐसा अभयारण्य है जिसमें प्राकृतिक पर्यावास में घड़ियाल का प्रजनन हो रहा हैै।

भ्रमण के दौरान सुधीर मिश्रा अधीक्षक सोन घड़ियाल अभयारण्य, मनी राम धुर्वे परिक्षेत्राधिकारी सीधी, जोखीलाल प्रजापति वनरक्षक एवं सोन घड़ियाल अभयारण्य के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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